₹1 का डोनेशन भारतीय सेना के नाम पर व्हाट्सएप पर वायरल: जानें सरकार ने क्या कहा

1 रुपये का डोनेशन सेना के लिए – सच या झूठ?

1 रुपये का डोनेशन भारतीय सेना के लिए... WhatsApp पर आ रहा मैसेज, सरकार ने बताई सच्चाई

आज के डिजिटल युग में WhatsApp और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार की जानकारी तेजी से वायरल होती है। इनमें से कई सूचनाएं आधिकारिक नहीं होतीं और लोगों को भ्रमित या धोखे में डालने के लिए फैलाई जाती हैं। ऐसा ही एक हालिया मामला सामने आया है जिसमें दावा किया गया है कि कोई भी व्यक्ति भारतीय सेना को ₹1 का डोनेशन करके राष्ट्र की सेवा कर सकता है। इस संदेश में एक QR कोड, UPI ID, और भावनात्मक संदेश भी होता है। लेकिन इस संदेश की सच्चाई जानना बेहद जरूरी है।

वायरल दावा: “₹1 से सेना को मदद करें – QR कोड स्कैन करें और योगदान दें!” यह संदेश लोगों के बीच देशभक्ति की भावना का उपयोग करके शेयर किया जा रहा है।

सरकार का जवाब: PIB Fact Check का बयान

भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल संदेश की जांच की और इसे पूरी तरह से झूठा करार दिया। PIB ने स्पष्ट किया कि:

  • सरकार की ओर से कोई ऐसी योजना नहीं चलाई जा रही जिसमें केवल ₹1 में सेना को डोनेशन किया जा सके।
  • वायरल मैसेज में दिखाया गया QR कोड और UPI ID फर्जी हैं।
  • लोगों को सतर्क रहने और बिना जांचे किसी भी लिंक या QR कोड पर क्लिक न करने की सलाह दी जाती है।

PIB ने सोशल मीडिया के जरिए यह भी अपील की कि इस प्रकार के संदेश को फॉरवर्ड ना करें और दूसरों को भी जागरूक करें।

सावधान: इस प्रकार का मैसेज एक फ्रॉड है। इसका उद्देश्य लोगों से पैसा ठगना है। यदि आपने पहले ही कोई राशि भेजी है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और Cybercrime पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

फ्रॉड करने वालों की रणनीति

ये फ्रॉडsters लोगों की देशभक्ति की भावना का फायदा उठाते हैं। ₹1 की छोटी राशि देकर वे लोगों का भरोसा जीतते हैं और फिर धीरे-धीरे अधिक पैसे मांगने की कोशिश करते हैं। कुछ मामलों में तो ये QR कोड फोन हैकिंग या डेटा चोरी के लिए भी इस्तेमाल होते हैं।

सही डोनेशन कैसे करें?

अगर आप वास्तव में भारतीय सेना या शहीदों के परिवारों की मदद करना चाहते हैं, तो इन अधिकृत प्लेटफॉर्म्स से ही सहायता करें:

  1. BharatKeVeer.gov.in – गृहमंत्रालय द्वारा संचालित शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद के लिए।
  2. National Defence Fund – रक्षा मंत्रालय द्वारा देखरेख किया जाने वाला एक ट्रस्ट।

डिजिटल जागरूकता: खुद को कैसे बचाएं

  • कोई भी डोनेशन करने से पहले वेबसाइट की जांच करें – क्या वह .gov.in से समाप्त होती है?
  • किसी भी QR कोड को स्कैन करने से पहले स्रोत की वैधता जांचें।
  • सोशल मीडिया पर भावनात्मक या राष्ट्रवाद से जुड़ा मैसेज आते ही संदेह करें।
  • PIB Fact Check को @PIBFactCheck ट्विटर पर फॉलो करें।

एक्सपर्ट्स की राय

साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स के अनुसार, डिजिटल पेमेंट का बढ़ता चलन अब फ्रॉड के लिए भी दरवाजे खोल रहा है। छोटे अमाउंट का जाल बिछाकर लोग पहले ट्रस्ट बनाते हैं और फिर लाखों की ठगी करते हैं। ऐसे मामलों में लोगों को सजग रहने की जरूरत है।

क्या कहता है कानून?

भारत में साइबर क्राइम को IT एक्ट 2000 और IPC की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अपराध माना गया है। यदि कोई व्यक्ति फर्जी UPI ID बनाकर धोखाधड़ी करता है, तो उसे 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही, फ्रॉड से जुड़े बैंक अकाउंट्स को सील भी किया जा सकता है।

निष्कर्ष: सिर्फ भावना से नहीं, सतर्कता से सेवा करें

देश सेवा की भावना निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन इसके लिए सही मार्ग का चयन भी उतना ही जरूरी है। बिना पुष्टि के किसी भी मैसेज को आगे बढ़ाना स्वयं एक बड़ा अपराध बन सकता है। हमेशा सरकारी या प्रमाणित संस्थाओं के जरिए ही डोनेशन करें। और हां, इस प्रकार के फर्जीवाड़ों को उजागर करना भी एक तरह की देशभक्ति है।

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